भार

भौतिकी में किसी वस्तु पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के माप को भार या वज़न कहते हैं। पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण लगभग समान होता है, इसलिए किसी वस्तु का भार उसके द्रव्यमान के अनुपाती होता है। भार की SI इकाई बल की SI इकाई के बराबर होती है ।

भार किसी वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल (g) का परिणाम है । इस बल को अंग्रेजी भाषा के व्यंजन g‘ द्वारा दर्शाया जाता है । 'g’ मान जगह के साथ बदलता रहता है, इसीलिये भार का माप भी अलग-अलग जगह अलग-अलग होता है। इसकी SI इकाई न्यूटन है। भार सदिश (vector) राशि है, मतलब दिशा सहित। बल का मान इस पर निर्भर करता है की वह किस दिशा मे लग रहा है। भार उस पर लग रहे बल का परिणाम है, इसीलिए भार भी दिशा पर निर्भर करेगा।

गणितीय रूप में: f=mg; अत:वस्तु का भार: w=mg।

किसी वस्तु का द्रव्यमान 60 kg है तो धरती पर उसका भार होगा (60*g) = 60* 10 = 600 N। उसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार होगा 60 * 10 / 6 = 100N क्योंकि वहाँ का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी से 6 गुणा कम है। इसी प्रकार भार अंतरिक्ष मे भार होगा जीरो क्योंकि वहाँ गुरुत्वाकर्षण बल नही होता है यानी कि g =0।

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Because M =F/a .                         Where if F= gravity (g). ,.                And a  was almost equal in the earth. So we can fiend the mass of any thing.                                      This is the difference between weight and mass. Kyunki vastu ka dravyaman usmein upsthit tatva ki matra hoti hai tatha bhar vastu per lagaya Gaya gurutvakarshan Bal hota hai.
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