वेधशाला, उज्जैन

उज्जैन शहर में दक्षिण की ओर क्षिप्रा के दाहिनी तरफ जयसिंहपुर नामक स्थान में बना यह प्रेक्षा गृह "जंतर महल' के नाम से जाना जाता है। इसे जयपुर के महाराजा जयसिंह ने सन् १७३३ ई. में बनवाया। उन दिनों वे मालवा के प्रशासन नियुक्त हुए थे। जैसा कि भारत के खगोलशास्री तथा भूगोलवेत्ता यह मानते आये हैं कि देशांतर रेखा उज्जैन से होकर गुजरती है। अतः यहाँ के प्रेक्षागृह का भी विशेष महत्व रहा है।

यहाँ चार यत्र लगाये गये हैं -- समरात यंत्र, नाद वलम यंत्र, दिगांरा यंत्र तथा मिट्टी यंत्र। इन यंत्रों का सन् १९२५ में महाराजा माधवराव सिंधिया ने मरम्मत करवाया था।

बाहरी कड़ियाँ

This article is issued from Wikipedia. The text is licensed under Creative Commons - Attribution - Sharealike. Additional terms may apply for the media files.