हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक फॉर्च्यून 500 कंपनी (2012 में 267 वें स्थान पर) है, जो भारत सरकार की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम को सरकार द्वारा नवरत्न श्रेणी में रखा गया है। भारत में इसका पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन मे कुल योगदान 20.9% और तेल शोधन मे 10.3% है। इसके स्वामित्व मे दो तटीय तेल परिशोधन कारखाने (ऑयल रिफाईनरी) हैं। इन परिशोधिकाओं (रिफाईनरी) मे कई प्रकार के पेट्रोलियम उत्पाद जैसे इंधन तेल (फ्यूल ऑयल) और स्नेहक (ल्युब्रीकेंट) का निर्माण होता है।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
प्रकार सार्वजनिक
व्यापार करती है BSE: 500104, NSE: HINDPETRO
उद्योग तेल और गैस
स्थापना 1974
मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
प्रमुख व्यक्ति एस राय चौधुरी
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
उत्पाद तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, स्नेहक, पेट्रोरसायन
राजस्व US$ 38.88 अरब (2012)[1]
प्रचालन आय US$ 067 करोड़ (2012)[1]
निवल आय US$ 03.25 करोड़ (2012)[1]
कुल संपत्ति US$ 15.91 अरब (2012)[1]
कुल इक्विटी US$ 02.46 अरब (2012)[1]
स्वामित्व भारत सरकार
कर्मचारी 11,226 (2012)[1]
वेबसाइट www.hindustanpetroleum.com

पश्चिमी तट पर स्थित मुंबई रिफाईनरी की क्षमता 5.5 एम.एम.टी.पी.ए तथा पूर्वी तट पर स्थित विशाखापत्तनम रिफाईनरी की क्षमता 7.5 एम.एम.टी.पी.ए है। कंपनी की मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) की अत्याधुनिक मंगलौर रिफाइनरी जिसकी क्षमता 9 एम.एम.टी.पी.ए है, मे कुल इक्विटी भागीदारी 16.95% है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने मित्तल एनर्जी समूह के साथ संयुक्त उद्यम एच एम ई एल में एक नयी तेल परिशोधिका गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी को पंजाब के भटिंडा मे स्थापित किया है, जिसका लोकार्पण भारत के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने 28 अप्रैल 2012 को किया।

ल्यूब रिफाईनरी

हिन्दुस्तान पेट्रोलियम मुंबई मे अपने स्वामित्व मे ल्यूब बेस ऑयल (स्नेहक हेतु आधार तेल) का उत्पादन करने वाली भारत की सबसे बड़ी ‍परिशोधिका (रिफाईनरी) का परिचालन करती है। 3,35000 मीट्रिक टन क्षमता वाली यह रिफाईनरी भारत के कुल ल्यूब बेस ऑयल उत्पादन का 40% का निर्माण करती है। इसके अलावा कंपनी के स्वामित्व मे सात ल्यूब ब्लेंडिंग प्लांट (स्नेहक मिश्रक संयंत्र) हैं जिनमे से 3 मुंबई मे और एक-एक संयंत्र क्रमशः बजबज, रामनगर, चेन्नई और सिल्वासा मे है। ल्यूब के निक्रमण के लिये एक ल्यूब पाईपलाइन है। इस समय कंपनी 300 से अधिक प्रकार की ल्यूब विशिष्टताओं और ग्रीज़ का उत्पादन करती है।

इतिहास

  • 1952 : 5 जुलाई 1952 को स्‍टैण्‍डर्ड वैक्यूम रिफाइनिंग कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के रूप में कंपनी को निगमित किया गया।
  • 1962 : 31 मार्च 1962 को कंपनी का नाम बदलकर एस्‍सो स्‍टैण्‍डर्ड रिफाइनिंग कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड कर दिया गया।
  • 1974 : तत्कालीन एस्‍सो तथा ल्‍यूब इंडिया उपक्रम के विलय से हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड सामने आया।
  • 1978 : भारत सरकार द्वारा अधिकार प्राप्‍त करने के बाद कॉलटेक्‍स ऑयल रिफाइनिंग लिमिटेड का 1978 में एचपीसीएल में विलय कर दिया।
  • 1979 : घरेलू एलपीजीबाजार में एचपीसीएल की सहायक कोसन गैस कंपनी का विलय एचपीसीएल में कर दिया गया।

इस प्रकार अलग – अलग समय में चार विभिन्न संगठनों के विलय से एचपीसीएल अस्तित्‍व में आया।

उत्पाद

  1. पेट्रोल
  2. डीज़ल
  3. स्नेहक
  4. द्रपेगै
  5. उड्डयन टर्बाइन ईंधन

अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग

  1. एचपीसीएल कंपनी ग्लोबल फॉर्च्यून ५०० (Fortune Global 500) के क्रम के अनुसार २००८ है क्रम में यह २९० है यह २००७ में ३३६ की स्तिथि से हट गया
  2. एचपीसीएल फोर्ब्स ग्लोबल २००० (Forbes Global 2000) सूची में २००५ की स्थिति के लिए ११८९ चर्चित रहा .

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

  1. "Hindustan Petroleum Corporation Limited Financial Statements". Hindustan Petroleum Corporation Limited.
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